एक आदमी जो टिकट कलेक्टर से ट्रॉफी कलेक्टर बन गया लेकिन हमेशा आरोपों के साये में घिरा रहा। मैं 1993 में पैदा हुआ लेकिन क्रिकेट की समझ आते-आते मेरे लिए 2003 वर्ल्डकप का सेमीफाइनल हो चुका था। फाइनल के लिए गाँव से दो लोगों की बैट्री उधार लेकर, 10 रुपये उसको भरवाने में खर्च किये थे, जो सचिन के आउट होते ही ऐसा लगा था कि जल चुके हैं। उस फाइनल ने इतना ज़रूर सिखाया था कि भारत को राहुल द्रविड़ के साथ-साथ एक...
↧