मेरा नाम कनकलता यादव है, फिलहाल जेएनयू में शोध छात्रा हूं। सन् 2011 के जुलाई में जब महिला महाविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर सरस्वती मैडम ने पूछा, “कनकलता, तुमको ओबीसी कैटेगरी से कैंपस में एडमिशन मिल रहा है, लेना है? टिक कर दूं?” तब मैंने हां कहा और तुरंत तय किया कि पहले जाकर मैं उसके बारे में पढ़ूंगी जिसकी वजह से आज मेरा यहां एडमिशन हुआ है। सरस्वती मैडम का यह शब्द और वह वाकया मेरे...
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