पीरियड्स का नाम सुनते ही आज मैं सहजता के साथ मुस्कुराते हुए बात करती या लिखती हूं लेकिन पहली बार जब इसका सामना कर रही थी, तब बदहवास थी। मैं सिर्फ साढ़े दस साल की थी और मेरा मासिक धर्म चक्र शुरू हो गया था। उन दिनों के बारे में सोचकर खुद पर तरस आ जाता है। मैं रोज़ की तरह स्कूल में थी और रह-रहकर खून बह रहा था। पीरियड जैसी चीज़ों को लेकर मैं पूरी तरह अनभिग्य थी। मुझे लगातार ऐसा लग रहा था कि मेरे कपड़े...
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