भारत में जातिवाद का लम्बा इतिहास रहा है। विकास सिद्धांत के मुताबिक जातियां श्रम विभाजन के आधार पर बनीं लेकिन विकास के साथ-साथ इनमें खामियां आ गईं। जैसे कि छुआछूत तथा किसी स्थान और उत्सव को जाति के आधार तक सीमित कर देना। आज 2020 में भी हम ऐसी घटनाएं देख रहे हैं। हाल में ही तमिलनाडु के वल्लीपुरम में एक युवक को भीड़ ने खुले में शौच करने पर मार डाला। बताया जा रहा है ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वह युवक दलित...
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