मैं आठवीं क्लास में थी। मेरे साथ पढ़ने वाली बहुत सारी लड़कियों को पीरियड्स आ चुका था। मुझे लेट आया या शायद मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। इंटरवल में खाना खाने के बाद बचे हुए समय में हम लोग लड़कों की तरह खेलने के बजाय बातें करते थे। क्लास की सभी लड़कियां खासकर सारी फर्स्ट बेंचर्स एक बड़ा सा गोला बनाकर बैठ जाती थीं। इस गोले को लीड करती थी बैक-बेंचर्स ग्रुप की एक लड़की। यही एक ऐसी क्लास थी जहां वे लोग सच...
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