पुष्पा, जिसने दिल्ली के जहाँगीर पुरी से चलना शुरू किया दिल्ली से कुछ ही किलोमीटर चली ही थी की,उसका (महीना) शुरू हो गया,पुष्पा को पता भी नही था कि उसको महीना शुरू हो जायेगा, जो साथ मैं चल रही मजदूर महिलाएं पैदल चल रही थी उनमें से कइयों के माहवारी चल रहे होंगे उनमें से एक पुष्पा भी थी, चलते काफ़िले में अचानक शुरू हुए माहवारी के लिए सबको कैसे रोकती तोह बिना किसी को बताये चलती रही, लेकिन कुछ समय का...
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