सब कहते हैं ज़माना बदल गया है। सब दुनिया के तौर तरीके सब बदल गए हैं। सारी दुनिया सिमट गई है। टेक्नोलॉजी भी आसमान छूने लगी है। गंगनचुम्बी इमारतें भूकंपरोधी बन रही हैं। अब डाक और डाकिए नहीं ईमेल का ज़माना आ गया है। अब परिवार से ज़्यादा लोग मोबाईल के दोस्त बन बैठे हैं। साधारण परिवार में भी अब एक रौब आने लगा है। लोगों की सोच बदली है। महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगी हैं। अब स्त्री पुरूष एक...
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