कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम होने लगा है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी लहर में इंसानी जानों की हानि कम रही ना तो अस्पतालों में ऑक्सीजन की मारामारी रही और ना ही वेंटिलेटर की कमी का सामना करना पड़ा। दरअसल, 2020 में कोरोना ने एक प्राकृतिक आपदा के रूप में, दुनिया में ऐसी दस्तक दी कि लोगों की ज़िन्दगी तहस-नहस हो गई। इसके कारण लोगों के जीवन का पहिया ऐसा रुका क...
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