“भारतीय कानून संहिता (आईपीसी) की धारा 124A की बात करना मना है, यह बात आपको पहले ही बता देता हूं। अब पढ़ें
जब-जब दीपावली करीब आती है आपके फोन पर या सोशल मीडिया पर ‘भारतीय समान खरीदें चीन के सामान का बहिष्कार करें’ टाईप के लंबे चौड़े मैसेज आने लगते हैं जिसमे फायदे नुकासान का लेखा-जोखा भी होता है। मैसेज के अंत में लिखा होता है कि अगर आप सच्चे भारतीय हैं और अपने देश से प्यार करते है तो चीन के सामान का बहिष्कार करें साथ ही इस संदेश को आगे फॉरवर्ड करें। इसका मतलब कि अगर आप वो मैसेज आगे नहीं करते है तो आप राष्ट्र विरोधी हैं या मान ले कि आप देशद्रोही हैं”
पूरे देश में कई जगह चीनी सामान के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। देशहित में लोगों को शपथ दिलाई जा रही है। आखिर इसमें गलत क्या है ? माना कि आपको सिर्फ दीपावली में ही मेड इन चाइना प्रोडक्ट का बहिष्कार करना याद आता हैं लेकिन कम से कम याद तो आता है ना। कितनी अच्छी सोच है आपकी कि भारत का पैसा भारत में ही रहे।
महात्मा गांधी ने भी विदेशी वस्तुओं को त्याग करने को कहा था। लेकिन विदेशी सामान में सिर्फ चाइना का ही प्रोडक्ट आता हैं ऐसा गांधी जी ने थोड़ी कहा था। दीपावली पर जिनका सोशल मीडिया पर देशप्रेम उमड़ रहा है, मज़े वाली बात ये है कि वो लोग चाइनीज़ सामान के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाते हुए फोटो खींचाकर, अपने चाइनीज फोन से ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे है। यकिन ना हो तो वो अपने मोबाईल का कवर पीछे से हटाए और बैटरी को निकाले फिर देखे कहां-कहां चाइना लिखा है। माइक्रोमैक्स तो इंडियन कंपनी है ना ? उसकी बॉडी क्या बैटरी तक मेड इन चाइना है। तो भाईयों अगर आपके हाथ में कोई भी ऐसा फोन हो तो उसको देशहित में दीवाली पर जला देना। जियोमी (रेडमी), जियोनी चीन की दिग्गज कंपनिया है। शर्त लगाकर कह रहा हूं कि आपके पास या आपके दोस्तों में इस कंपनी का फोन जरुर दिख जाएगा। तो उनसे भी कहे कि वो लोग भी इस दीवाली पर अपने फोन जला दें। अभी हाल ही में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी 3 दिन में 5 लाख रेडमी फोन ऑनलाइन बिके है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किए जा रहें हैं। जिसमें कुछ यूं लिखा है- आप इस दीवाली या सामान्य रुप से ही चीन में बने सामान को देशहित में बहिष्कार करें। वजह है कि आप चीन के सामान खरीदते है तो चीन मजबूत होता हैं और चीन फिर अपने दोस्त पाकिस्तान को फंडिंग करती है और फिर पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादियों को फंडिंग करती है। वहीं आतंकी भारत में हमारे सैनिकों पर हमला करते है।
एप्पल का आईफोन जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है उस पर भी आपको चाइना का जिक्र मिल जाएगा, भले मेड इन चाइना ना हो। एप्पल अमेरिका की कंपनी है। सोशल मीडिया पर चल रहीं एक लॉजिक के हिसाब से तो एप्पल खरीदने वाले या अमेरिकी समान खरीदने वाले भी देशद्रोही हुए। क्योंकि अमेरिका पाकिस्तान को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से आर्थिक मदद करती आई है ये सब जग जाहिर है।
आईफोन से याद आया। अमेरिका ने 1945 में जापान पर हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराया था। कितने लाख सैनिक और आम लोग वहां मारे गए ये आप जानते हैं। फिर भी जापान के 70 % लोग iPhone इस्तेमाल करते है। जापान में अमेरीकी कंपनी के करीब 3000 मैकडॉनल्ड्स आउटलेट है और जापान संयुक्त राज्य अमेरिका का 4th सबसे बड़ा व्यापारिक साथी है। तो क्या पूरा जापान देशद्रोही है?
अब इस लॉजिक के हिसाब से तो एप्पल फोन खरीदने वाले या अमेरिका में बने किसी भी सामान को खरीदने वाले देशद्रोही हो गए। जो लोग फेसबुक, वाट्सएप पर बहिष्कार का ज्ञान फैला रहे हैं उन्हें ये भी पता होना चाहिए कि ये फेसबुक, वाट्सएप भारत की नहीं अमेरिका की कंपनी है और आप उसे चला कर अमेरिका को फायदा पहुंचा रहे हैं।
सच बात तो ये हैं कि विरोध करने वाले सिर्फ उस चीज का बहिष्कार करने की बात कर रहे है जिसको वो आसानी से त्याग कर सकते है। ज्यादातर छोटी-छोटी चीजें चीन से ही आयात होती है- बच्चों के खिलौने, बच्चों के कपड़े, प्लास्टिक की चीजें जिसमे लंच बॉक्स तक शामिल है। भारतीय देवी-देवताओं की मूर्ती,घर संवारने की चीजे, गाड़ी के पार्ट्स, हार्डवेयर टूल्स, कम्पयूटर, लैपटॉप के अंदर लगे चिप, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स, लोहा या स्टील, फर्टिलाइजर जिसका उपयोग कर किसान अच्छी फसल पैदा करता है और उस अनाज को आप खाते है वो तक आयात में शामिल है। भारत दवाओं के लिए अपने कच्चे माल का 80% से अधिक हिस्सा चीन से आयात करता है और उससे बनी दवा आप और देश की आर्मी भी खाती है। इसके अलावा भारत सरकार ने देश में बिजली समस्या के लिए सौैर ऊर्जा योजनाओं में सोलर इक्यूमेंट का 66% हिस्सा चीन से आयात किया है। ई-रिक्शा, जिस पर आप सवारी करते है वो चाइना से आयात होती है और भारत में उसमें टायर, बैटरी लगाकर बेचा जाता हैं तो कल से उस पर भी मत बैंठना। आप ये सब इस्तेमाल कर रहे है तो आप सब देशद्रोही हुए ना फिर..? अरे स्वदेशी अपनाओं मित्रों.. अब तो स्वयंभू बाबा रामदेव भी मेड इन भारत बना रहे हैं।
हां आप लोग पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ चाइना की बात कर रहें है जबकि काजू-बादाम, सूती धागे और कपड़े, लेदर घर बनाने वाला सीमेंट इत्यादि पाकिस्तान से भी आयात होती हैं। मुख्य किरदार तो यहीं है इसका भी बहिष्कार करें। भारत ने अप्रैल 2016 में पाकिस्तान से 1.94 (INR) बिलियन का आयात किया जो जून में आयात बढ़कर 2.11 बिलियन हो गया।
क्या संयोग है। लोग चाइनीज सामान बैन करने की बात करते है और भारत हर साल चीन से व्यापार बढ़ाने का प्रयास करती हैं। जब सरकार ही बैन करना नहीं चाहती है तो आप लोग क्यों परेशान हो रहे हो। उड़ी हमले के बाद चीन का आतंकवाद का साथ देना और चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी रोकने के बाद भी पीएम नरेंद्र मोदी ने चाइना का बहिष्कार नहीं किया। आपको तो उनके खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए क्योंकि ‘चीन का सामान खरीदने से पाक को होगा फायदा’ वाली लॉजिक के हिसाब से पीएम मोदी ने देशहित में बहिष्कार नहीं किया। वो भी तब जब देश में मेक इन इंडिया की बात चल रहीं हो।
ब्रिक्स समिट 2016
बाजार में चीन का सामान भारत निर्मित सामान से सस्ता मिलता है इसलिए लोग उसे खरीदते हैं। मोदी सरकार या तो चीन के सामान पर पूरी तरह बैन लगा दें ( भारत की अर्थव्यवस्था भूल जाए) या जो बहिष्कार कर रहें है उनको सब्सिडी दें ताकि महंगा सामान खरीद सके। दूसरा विकल्प ये है कि दूर के ढ़ोल सुहावन लागे की तरह स्कील इंडिया की गांव तक पहुंच नहीं बन पाई है उसे ढ़ंग से सही दिशा में ले जाए। क्योंकि चीन के सामान पर भारत रोक नहीं लगा सकता है। जरूरत है कि चीन जैसा औद्योगिक माहौल अपने देश की सरकार उपलब्ध कराए। अगर एेसा हुआ, तो हो सकता है हमारे छोटे-छोटे व्यापारी या दुकानदार बाजार में चाइना को चुनौती दें सकेंगे। तीसरा विकल्प ये है कि आप किसी भी देश के बीच होने वाले व्यापार को इन सब मामलों से दूर रखें और फर्जी देशभक्त बनने की कोशिश ना करे क्योंकि मैं शहिदों का सम्मान करता हूं उनके नाम पर फर्जी देशभक्ति की नहीं… समाप्त
जियो मेड इन चाइना
स्पेशल थैंक्स- अपने कथित देशप्रेमियों को एक बात और कहना था.. मुकेश अंबानी ने जो जियो को डिजिटल इंडिया के रुप में ब्रांडिंग कर पीएम मोदी से प्रचार कराया था और जिसका आप लोगों ने फ्री के चक्कर में पहले महीने में ही 1.6 करोड़ यूजर्स बन कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया। वो जियो का सिम मेड इन चाइना है जिसे अंबानी ने करोड़ो रुपए चीन को देकर आयात किया। तो अगर आपने जियो का त्याग नहीं किया तो उस लॉजिक से सभी जियो वाले और जियो मंगाने वाले देशद्रोही साबित हुएं। इसलिए देशभक्ति दिखाते हुए कृपया इसे भी बहिष्कार कर दें।अब समाप्त हुआ।
The post “चीन का विरोध किए बिना नीचे स्क्रोल किया तो देशद्रोह का पाप लगेगा” appeared first and originally on Youth Ki Awaaz, an award-winning online platform that serves as the hub of thoughtful opinions and reportage on the world's most pressing issues, as witnessed by the current generation. Follow us on Facebook and Twitter to find out more.