जब मैंने पूछा, “क्या एक वोट से कुछ बदलाव आ सकता है?” मेरे सामने बैठे लोगों के बीच से एक ज़ोरदार आवाज़ आई “हां!”
2014 के लोकसभा चुनावों से पहले 10 करोड़ से भी ज़्यादा ऐसे युवा वोटिंग के लिए रजिस्टर्ड थे जो पहली बार वोट करने वाले थे, लेकिन उनमे से केवल आधे लोगों ने ही वोट दिया। #JetSetVote के साथ हम इस स्थिति को बदलना चाहते हैं। हम जानते थे कि युवाओं को वोटिंग के लिए जागरूक और प्रोत्साहित करने के लिए Youth Ki Awaaz प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी उनसे खुद जाकर मिलना और बात करना भी है।
Society for Participatory Research in Asia (PRIA) के साथ मिलकर Youth Ki Awaaz ने स्नेक एंड लेडर (सांप-सीढ़ी) गेम का एक ऐसा रूप इजाद किया जिससे 2500 युवाओं को उनके वोट करने के अधिकार और उसकी जिम्मेदारियों के बारे में ट्रेन किया जा सके। कल 28 तारीख को इसी सिलसिले में हमने लखनऊ के KKC डिग्री कॉलेज में 130 स्टूडेंट्स के साथ पहली वर्कशॉप आयोजित की। वहां हमें जो स्टूडेंट्स की प्रतिक्रिया मिली वो देखने लायक थी! हमने उनके साथ वोटिंग के अधिकार और एक वोटर के रूप में हमारी ज़िम्मेदारियों से लेकर वोटिंग के दौरान लिए गए हमारे फैसलों के असर तक सभी मुद्दों पर उनसे बात की।
इस वर्कशॉप को 2 हिस्सों में आयोजित किया गया। पहला एक ‘मैच द फॉलोइंग’ गेम था, जिसके ज़रिये ये समझाया गया कि वोटिंग को लेकर अलग-अलग स्तरों पर लिए गए हमारे फैसलों का क्या असर होता है। दूसरा ‘स्नेक एंड लेडर’ गेम था, जिससे वोटर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और एक वोटर के रूप में उनकी जिम्मेदारियों को समझाया गया।
आइये देखते हैं तस्वीरों में इस वर्कशॉप की एक झलक-

अगले कुछ महीनों में Youth Ki Awaaz, facebook और PRIA साथ मिलकर देश की और भी बहुत सी यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेज़ेस में पहली बार वोट करने वाले 2500 से भी ज़्यादा युवाओं को एक सक्रिय नागरिक की भूमिका निभाने के लिए ट्रेन करेंगे।
क्या आप अपने कॉलेज में #JetSetVote के ज़रिये जागरूकता लाने के लिए हमें बुलाना चाहते हैं? हमारी इस मुहीम में शामिल होने के लिए यहां क्लिक करें।
The post लखनऊ के स्टूडेंट्स ने किया साबित कि वो नहीं हैं वोटिंग को लेकर बेपरवाह appeared first and originally on Youth Ki Awaaz, an award-winning online platform that serves as the hub of thoughtful opinions and reportage on the world's most pressing issues, as witnessed by the current generation. Follow us on Facebook and Twitter to find out more.