कहते हैं अगर आपके पास ज्ञान हो तो आपकी सफलता के लिए ढेर सारे अवसर खुल जाते हैं और यह कुछ हद तक सच भी है। मुझे ऐसा लगता है कि अगर आपके पास जीवन कौशल हों तो आप ज्ञान तो प्राप्त कर ही लेते हैं और साथ में उस ज्ञान को कहां कब और कैसे प्रयोग करना है यह भी समझ जाते हैं। तो अब आप ही विचार करें कि कैसे हम सफलता के निकट होंगे।
मेरा नाम कमला बिष्ट है और मैं उत्तराखंड में पहाड़ों के बीचो-बीच स्थित एक गाँव दियारी की रहने वाली हूं। वर्तमान में मैं दिल्ली में कैवल्या एजुकेशन फाउंडेशन के साथ एक प्रोग्राम लीडर के रूप में कार्यरत हूं।
मेरी पहाड़ों से दिल्ली तक की यात्रा इतनी आसान नहीं होती अगर बचपन में ‘जीवन कौशल सत्रों’ से मेरा परिचय नहीं होता। जीवन कौशल के सत्रों ने मेरी मुझसे पहचान कराई, मैं दुनियां को छोड़कर खुद के बारे में सोचने लगी और एक नया रास्ता बनाने लगी। मैं खुद के लिए और अपने परिवार के सदस्यों के लिए निर्णय लेने लगी।
Clik here to view.

सच कहूं तो सत्रों के दौरान मज़ा तो बहुत आता था क्योंकि हमें अलग-अलग गतिविधियों के द्वारा इन कौशलों से परिचित कराया जाता था पर तब समझ में कम ही आता था कि हम इन कौशलों का प्रयोग कहां पर कर सकते हैं? किन्तु जैसे-जैसे चुनौतियां सामने आती गयी वैसे-वैसे इन कौशलों को मैं अपने जीवन से जोड़ पाई।
जीवन कौशल के ‘स्व जागरूकता (सेल्फ अवेयरनेस)’ के माध्यम से मैंने खुद को जाना कि मुझे किस तरह की ज़िन्दगी अपने लिए चाहिए, किन-किन चीज़ों से मुझे डर लगता है, वो कौन सी चीजें हैं जिन्हें करने से मुझे खुशी की अनुभूति होती है आदि। ‘निर्णय लेने की क्षमता (डिसिज़न मेकिंग)’ से मैंने 10वीं कक्षा से ही कुछ निर्णय लिए जैसे अभी शादी नहीं करनी है, जॉब करने का निर्णय, जॉब चेंज करने का निर्णय, अपने राज्य से बाहर जाकर काम करने का निर्णय आदि।
‘समस्या समाधान’ से मैंने अपने जीवन मे आने वाली विभिन्न चुनौतियों को तो हल किया ही साथ में अपने आस-पास के लोगों की भी समस्या को हल करने का प्रयास किया। ‘प्रभावी सम्प्रेषण (एफेक्टिव कम्यूनिकेशन)’ के माध्यम से मैं अपनी बात, विचार एवं भावनाओं को लोगों के सम्मुख स्पष्ट रूप से रख पाती हूँ।
इस प्रकार अगर देखा जाए तो ‘जीवन कौशल’ की शिक्षा हमारे जीवन को एक दिशा प्रदान करती है और हम उस दिशा में आगे बढ़ते जाते हैं, मेरे साथ तो अभी तक ऐसा ही हुआ है।
The post “जीवन कौशल की शिक्षा ने मेरी ज़िंदगी बदल दी” appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.