मुझे याद है कोलकाता में पहली नौकरी के दौरान जब मैंने बॉस से कहा कि आज सेहत अच्छी नहीं है, तब उन्होंने चेहरे पर मुस्कान बिखेरते हुए कहा, “पीरियड्स है क्या?” मैं मानती हूं कि आज की तारीख में पीरियड्स पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए मगर जिस तरीके से बॉस ने प्रतिक्रिया दी थी, वह गलत हैं। पीरियड्स की बात आते ही लोगों के मन में यौन कुंठा जागृत हो जाती है जिस पर इस समाज को चिंतन करना होगा। पीरियड्स...
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