प्रकृति माँ इस साल भले आपको माफ कर दे या अगले साल भी मगर अंत में वह आएगी और आपको सज़ा देगी।” गेराल्डो रिवेरा के ये कथन आज बिल्कुल सच मालूम पड़ते हैं। इस समय संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है, लोगों में निराशा, भय और नकारात्मकता ने घर कर रखा है। सदियों से पशु-पक्षियों को पिज़रे में कैद रखने वाले मनुष्य आज अपने और अपनों की सलामती के लिए घरों में बंद हैं। इन सब में कुछ सकारात्मक चीज़ें भी...
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