21वीं सदी को भले ही हम तरक्की और विज्ञान का युग कहते हों, लेकिन ज़मीनी हकीकत यही है कि आज भी समाज में अमीरी-गरीबी, ऊंच-नीच, शहरी-ग्रामीण और यहां तक कि महिला और पुरुष के बीच भी गहरा भेदभाव किया जाता है। महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा ना केवल कमज़ोर माना जाता है बल्कि, उन्हें कई प्रकार की रूढ़िवादी मान्यताएं और परंपराओं के बंधन में भी जकड़ दिया जाता है। यह विशेषकर महिलाओं के साथ माहवारी के दौरान सबस...
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