

31 मई 2023 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ओटीटी प्लेटफॉर्म पर तंबाकू विरोधी चेतावनियों के लिए नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी गई। अधिसूचना में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कंटेंट में तंबाकू विरोधी चेतावनी संदेशों को दिखाना अनिवार्य कर दिया गया। इसमें कहा गया कि यदि ऑनलाइन कंटेंट प्रकाशक नए नियमों का पालन करने में विफल रहा तो सरकार कार्रवाई करेगी। नए नियम तंबाकू ब्रांडों या उत्पाद के प्रदर्शन और ऑनलाइन क्यूरेटेड सामग्री के भीतर तंबाकू के उपयोग के प्रचार पर रोक लगाते हैं।
क्या है नए नियम
नए नियमों के अनुसार अबसे नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, हॉटस्टार और सोनी लिव जैसे सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कंटेंट के साथ तंबाकू विरोधी चेतावनी दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। स्वास्थ्य चेतावनी संदेश सफेद पृष्ठभूमि पर काले फ़ॉन्ट में सुपाठ्य और पठनीय होगी।सिनेमाघरों और टेलीविजन पर प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों में यह पहले से ही अनिवार्य है। फिल्म और टीवी कार्यक्रम की शुरुआत और मध्य में कम से कम तीस सेकंड की अवधि का एक तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनी दिखाई जाती है।
भारत के लिए नया नियम है महत्वपूर्ण कदम
वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यक्रम प्रबंधक बिनॉय मैथ्यू ने शब्दों में यह भारत का एक महान और अग्रणी कदम है। नियम मनोरंजन के माध्यम से तंबाकू के प्रचार को विनियमित करने में कारगर साबित होगा। तंबाकू के उपयोग के डी-ग्लैमराइज़ेशन की दिशा में सरकार ने एक ठोस कदम लिया है।
अधिक स्वास्थ्य चेतावनियां और समिति का गठन
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, (कोटपा 2003) की धारा 31 द्वारा दिए गए अधिकार के तहत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने निषेध और विनियमन नियमों का विस्तार किया है। नवप्रवर्तित सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद संशोधन नियम, 2023 में कहा गया है कि तंबाकू उत्पादों की विशेषता वाली किसी भी ऑनलाइन सामग्री में स्वास्थ्य चेतावनियां और अस्वीकरण शामिल किए जाए। स्वास्थ्य स्थलों और अस्वीकरणों के लिए सामग्री प्रकाशकों को आधिकारिक मंत्रालय वेबसाइटों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
एक अंतर-मंत्रालयी समिति को अनुपालन सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। इस समिति के पास स्वयं या किसी शिकायत के जवाब में कार्रवाई करने की शक्ति है। गैर-अनुपालन सामग्री प्रकाशकों की पहचान करने के बाद, समिति नोटिस जारी करेगी, उन्हें स्थिति को सुधारने और तदनुसार सामग्री में संशोधन करने का अवसर प्रदान करेगी।
क्या ओटीटी प्लेटफार्म के लिए नियम कारगर हैं
हालांकि रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ओटीटी प्लेटफार्म स्वास्थ्य मंत्रालय के नए नियमों को कानूनी रूप से चुनौती देने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं। एक बंद दरवाजे की बैठक में, प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों ने नियमों की गैर-व्यवहार्यता के बारे में चिंता जताई, क्योंकि इसके लिए लाखों घंटों की सामग्री को संपादित करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने उन तरीकों के बारे में भी चिंता व्यक्त की, जिनसे नए दिशानिर्देश उपभोक्ता अनुभव को बहुत प्रभावित करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश, जो अनिवार्य है उसके कार्यान्वयन और ओटीटी द्वारा सामग्री के विनियमन के संबंध में प्रश्न उठाते हैं। ओटीटी प्लेटफार्मों को आईटी नियम 2021 के तहत सामग्री वर्गीकरण आवश्यकताओं का पालन करना पहले से आवश्यक है। जिसमें साइकोट्रोपिक पदार्थों, शराब और तंबाकू उत्पादों के उपयोग के आधार पर वर्गीकरण भी शामिल है।
क्यों बनाए गए नए नियम
ओ टी टी एंटरटेमेंट प्लेटफार्म सिनेमा घरों के विकल्प के तौर उभरे और कोविड संक्रमण दौर में यूजर्स के फेवरेट बन गए। घर बैठे मनोरंजन के स्वरूप का नया बाज़ार सामने आया। दर्शकों को मनोरंजन का विकल्प देने के नाम पर लेकिन सामाजिक सीमाओं को पीछे छोड़ दिया सामग्री ने। छवियों के निर्माण के लिए समाज को हो रहे नुकसान की अनदेखी की जा रही थी। मीडिया समाज का आईना कहा जाता है। आईना दिखाने के लिए उत्तरदायी होना भी होता है। चरित्र द्वारा स्क्रीन पर धुम्रपान को बढ़ावा क्यों देने लगे । धूम्रपान को ग्लैमराइज किया गया। इस संबंध में मौजूदा नियमों की अनदेखी हुई।
मनोरंजन माध्यमों के कंटेंट अपनी पहुंच एवम स्वरूप के साथ प्रभाव रचने की क्षमता रखते हैं । यहां प्रसारित होने वाले कार्यक्रम दर्शकों की सोंचने समझने की क्षमता को प्रभावित कर जाते हैं। करने में सक्षम देखे गए हैं। बच्चे एवम किशोर यहां के कंटेंट से सबसे अधिक संपर्क में रहते हैं। पसंद के अभिनेताओं की नकल करना,उनके किरदारों का अपना किरदार जान लेना युवा मन की चाहत होती है। जाने अंजाने वो उन जैसे बनने की ख्वाहिश से ग्रसित हो जाते हैं। फिल्म एवम टीवी निर्मित छवियों की नकारात्मक चीजों को अपना लेना हालांकि खतरनाक है। क्रिएटिव फ्रीडम से झगड़ा नहीं। जनसंचार के माध्यम क्रिएटिव आज़ादी के दम पर ही चलते हैं। क्रिएटिव लोगों को मगर सोंचना होगा कि उनकी आज़ादी किसी के अपराध का कारण ना बने। आयु वर्गो को भ्रमित ना करे। मीडिया निर्मित छवियों का खामियाजा आम दर्शकों को भुगतना पड़ रहा है। ओवर दा टॉप यानी ओ टी टी प्लेटफॉर्म सामाजिक नैतिक जिम्मेवारी पर ध्यान कम ही दे रहे थे।
जनता ने मांग की नए नियमों और जागरूकता की
1.फिल्म इंडस्ट्री के अंदर से मांग: सलमान खान ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू के दौरान ओटीटी प्लेटफॉर्म को रेगुलेट करने की बात रखी। सुपरस्टार ने कहा कि ओटीटी में सेंसरशिप होनी चाहिए। सलमान खान से दरअसल पूछा गया था कि आपको ओटीटी कंटेंट से प्रॉब्लम है। तो इस पर सलमान ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, "मुझे तो बहुत ही प्रॉब्लम है। मेरा मानना है कि ओटीटी के ऊपर भी सेंसर होना चाहिए।" सलमान ने आगे कहा कि हमारी फिल्मों में अगर दो पंच भी एक्स्ट्रा हो जाते हैं, वो भी एक्शन में, तो उसे ए सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। यहां पर पर तो अलग ही तरह का एक्शन चल रहा है ।
2.दिल्ली में कराए गए एक स्वतंत्र सर्वे की बात करनी चाहिए। अध्ययन में पाया गया कि 12-16 वर्ष के आयु के वो किशोर जिन्होंने फिल्मों में दिखाए गए तंबाकू उपयोग की चीजों को अधिक देखा था,तम्बाकू उत्पादों के सेवन का खतरा अधिक था।
3. नाडा इंडिया फाउंडेशन जैसी स्वयं सेवी संस्थानों की कोटपा में बदलाव को लेकर लम्बी लड़ाई भी इसका कारण बनी। यह संस्थान ओटीटी को कोटपा के दायरे में लाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। राजकीय विद्यालयों में कोटपा को लेकर जागरूकता रैलियां हुई। स्कूली बच्चों ने स्वास्थ्य मंत्री एवम माननीय प्रधानमंत्री जी को चिट्ठियां लिखकर भेजी।
4. सिनेमाघरों एवम टीवी कार्यक्रमों के लिए यह नियम पहले से मौजूद थे। ओटीटी पर यह नियम क्यों नहीं होने चाहिए थे। कोविड के समय से ही ओटीटी मनोरंजन का बड़ा माध्यम है। सिनेमाघरों के समानांतर इन पर भी फिल्में सीधे रिलीज होने लगी है। सिनेमाघरों के फिल्म निर्माता फिल्मों के आधिकार ओटीटी को सेल कर रहे हैं। सिनेमाघरों के बाद फिल्में सीधे ओटीटी पर आ जाती है। पहुंच एवम स्वरूप के मामले में ओटीटी प्लेटफार्म मनोरंजन का नया बाज़ार गढ़ चुके हैं।
5.रचनात्मक दृष्टि से देखा जाए तो ओटीटी के पास कंटेंट लाने की क्षमता कम नहीं। फिर क्यों जरूरी है कि तम्बाकू एवम नशे से जुड़ी चीजें रखें ! वो मनोरंजन के नए प्रतिमान गढ़ सकते हैं। ओटीटी ने फिल्म निर्माण से जुड़े नए लोगों को फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन का विकल्प दिया है। कम बजट में भी फिल्में रिलीज हो जा रही हैं। ओटीटी के मालिक दमदार सामग्री का खुद भी संज्ञान लेते हैं। जरूरत नहीं सेंसरशिप के नए नियमों को तोड़ें। अच्छा काम नियमों में रहकर किया जा सकता है।