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“क्यों बिहार में शिक्षक बनने की प्रक्रिया आईएएस बनने से भी ज्यादा कठिन है”

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Candidates protesting against new Bihar state school teachers rules 2023Candidates protesting against new Bihar state school teachers rules 2023

जिस राज्य में बेरोजगारी चरम सीमा पर हो और इसी आधार पर बहुतायत संख्या में पलायन करने पर युवा पीढ़ी मज़बूर हो तो उस राज्य सरकार के नीति नियंता निर्माता को आत्मविश्लेषण करने की आवश्यकता है। यह बात किसी और राज्य के लिए नहीं है। यह बात 20 वर्षों से अधिक समय से सत्ता पर आसीन मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के बिहार राज्य की है। यहाँ सरकार ख़ुद ही यह मानती है और आंकड़ा जारी करती है कि बिहार में 3 लाख से अधिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पद रिक्त पड़ा है तो सरकार के नीतियों में जंग क्यों पड़ जाता है। क्या सरकार रिक्तियों को नहीं भर सकती।

क्या है बिहार शिक्षक नियुक्ति नई नियमावली

बिहार टीचर नियमावली 2023 को बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक, कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023 कहा जाएगा। बिहार शिक्षा विभाग के तहत संचालित किए जाने वाले विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती हेतु इस बिहार शिक्षक भर्ती नियमावली, 2023 को लागू किया जाएगा।

बिहार शिक्षक नियमावली 2023 के तहत शिक्षकों की भर्ती हेतु परीक्षा की जिम्मेदारी बिहार लोक सेवा आयोग को सौंपी जाएगी और बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ही परीक्षा का आयोजन करके शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। बिहार में नई शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 के अनुसार, अब केवल बिहार के मूलनिवासी बिहार के शिक्षक के पद पर भर्ती हेतु आवेदन कर पाएंगे।

महिलाओं को मिला आरक्षण

इस नई नियमावली में महिलाओं को पूरे 50% का आरक्षण दिया गया है। बिहार टीचर नियमावली 2023 के अंतर्गत कोई भी उम्मीदवार, शिक्षक भर्ती हेतु अधिकतम 3 बार ही परीक्षा दे सकेंगे। आवेदक भारत का नागरिक हो और बिहार राज्य का स्थाई निवासी होना चाहिए। विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्त हेतु राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक योग्यता आधारित करता हो।

कहाँ है जटिलता

राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर बुलाए गए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो परंतु साल 2012 से पूर्व नियुक्ति एवं कार्य शिक्षक, जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे, उनके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अनिवार्य नहीं होगी। बिहार में 90 के दशक में अंतिम बार आयोग से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया किया गया था। लेकिन उसके बाद सरकार ने नीतियों में परिवर्तन करके शिक्षामित्र की बहाली किया जिन्हें एक निश्चित मानदेय पर 11 महीनों के लिए बहाल किया गया था।

उसके पश्चात नीतीश कुमार ने संविदा शिक्षकों की बाढ़ सी भीड़ जमा कर दी गई उसमें शिक्षामित्रों को भी शामिल कर लिया गया। निश्चित मानदेय पर शिक्षकों की भर्ती की गई जिसे बिहार में डिग्री दिखाओ और नौकरी पाओ कार्यक्रम भी कहते हैं। इस प्रक्रिया से बिहार की शिक्षा की गुणवत्ता से जमकर समझौता किया गया था। अभी हाल में जो नई शिक्षक नियमावली 2023 लायी गयी है उसपर जमकर विवाद हो रहा है क्योंकि इसकी प्रक्रिया को बेहद जटिल बना दिया गया है।

शिक्षक बनने से आईएएस बनना आसान कैसे

एक आईएएस अधिकारी बनने के लिए स्नातक डिग्री के साथ UPSC PT एग्जाम, UPSC मेन्स एग्जाम और साक्षत्कार में उत्तीर्ण होने की जरूरत हिती है। वहीं नई शिक्षक नियमावली 2023 के तहत शिक्षक बनने के लिए आवश्यक योग्यता के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए योग्यता इंटरमीडिएट+डीएलएड/बीएड/बीएलएड इत्यादि के साथ CTET पेपर 1 उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके साथ, BPSC PT+ BPSC का साक्षात्कार भी उत्तीर्ण होने की आवश्यकता है।

उच्च प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए योग्यता स्नातक+बीएड+CTET पेपर 2 उत्तीर्ण+BPSC PT+BPSC साक्षात्कार को पास करने की जरूरत है। वहीं, माध्यमिक शिक्षक बनने के लिए योग्यता स्नातक+बीएड+STET पेपर 1 उत्तीर्ण+BPSC PT+BPSC साक्षात्कार को पास करने की जरूरत है। उच्चतर माध्यमिक शिक्षक बनने के लिए योग्यता स्नातकोत्तर+बीएड+STET पेपर 2 उत्तीर्ण+BPSC PT+BPSC साक्षात्कार को उत्तीर्ण करने की जरूरत है।

पटना में हो रहा है विरोध

नई शिक्षक नियमावली 2023 को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों में बहुत रोष है जिसके विरोध के लिए बिहार की राजधानी पटना के गर्दनीबाग में विभिन्न शिक्षक संगठन और एकाधिक संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन अब तक सरकार पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है।


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