

राजस्थान के बीकानेर जिले के दुरस्थ क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली आकांक्षा (बदला हुआ नाम) की शादी बालिका शिविर में दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी होने के बाद 16 वर्ष की उम्र में अपनी बड़ी बहन की शादी के साथ ही 2018 में कर दी गई थी। उस समय बाल विवाह रुकवाने की शिकायत भी की गई थी लेकिन गोपनीय तरीके से यह शादी हो गई। शादी के बाद बड़ी बहन का प्रसव के दौरान देहांत हो गया परंतु जिस बच्चे को इसने जन्म दिया था वह जिंदा रहा।
बच्चे और परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ
अब संपूर्ण परिवार की एवं बच्चे की जिम्मेदारी आकांक्षा पर आ गई। वह आगे पढ़ना चाहती थी लेकिन ससुराल की बहुत सी जिम्मेदारियों का बोझ और लगातार हो रहे शारीरिक एवं मानसिक शोषण से पूरी तरह पस्त हो चुकी थी। इसी दौरान आकांक्षा उरमूल सेतु संस्थान में काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता हीरा शर्मा के संपर्क में आई, जिसने उसे पत्राचार के माध्यम से आगे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। यह बात सुनकर आकांक्षा के ससुराल वाले बहुत नाराज हुए और उसके साथ लगातार मारपीट व प्रताड़ित करने लगे। आकांक्षा ने बताया, "एक समय तो ऐसा लगा कि अब सब कुछ समाप्त हो गया है। जीवन में चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा है। जिंदगी बिल्कुल वीरान सी हो गई है। तो मन हुआ कि मैं अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर लूं। लेकिन हीरा शर्मा के बार-बार समझाने पर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा उन्होंने मुझे बताया कि जीवन में आ रही इन विपरीत परिस्थितियों का सामना आप अपनी पढ़ाई और अन्य कौशल बढ़ाकर आसानी से कर सकते हैं। इन सब बातों से मुझमें हिम्मत आई और मुझे लगा कि बिना पढ़ाई के मैं आगे ज्यादा कुछ नहीं कर सकती तब मैंने अपनी पढ़ाई को दोबारा शुरू कर दिया।"
दोबारा जीने की कोशिश
बहुत कुछ समझाने के बाद भी ससुराल का उत्पीड़न पहले की तरह ही चलता रहा। पढ़ाई के नाम पर प्रताड़ना और ज्यादा बढ़ गई तो उसने अपने टूटे हुए सपनों को दोबारा जोड़ने को प्राथमिकता देते हुए अपने पति से तलाक ले लिया। बार-बार काउंसलिंग करने के बाद आकांक्षा का मन बदला तो उसे उरमूल सेतु संस्थान की ओर से मनिहारी की दुकान भी जीवन यापन के लिए करवा कर दी गई। वर्तमान में वह दुकान संचालन के साथ साथ यूथ ग्रुप से जुड़ी है व अपनी स्नातक की पढ़ाई पुरी मेहनत से कर रही है। आकांक्षा अपने पिछली जिंदगी को भूलकर नई ऊर्जा व ताकत के साथ टूटे सपनों को दोबारा जोड़ते हुए अपना भविष्य संवारने का प्रयास कर रही है।