“हम कभी स्कूल नहीं गए, हमारे पास करने के लिए कोई काम या खेती नहीं है”
देश का इतिहास और परंपरा कई भारतीय ड्राइंग रूम में चर्चा के लोकप्रिय विषय होते हैं। लेकिन वास्तव में ग्रामीण भारत के लोग, विशेष रूप से खानाबदोश समुदाय, अनादि काल से परंपराओं को अपने जीवन और आजीविका में...
View Articleहिन्दी कविता: आओ बनाए खुशियों की पढ़शाला!
आओ हम मिल कर चले समुदाय की खुशियों की पढ़शाला में शिक्षा के रीति, नीति, पद्धति को छोड़कर हम अपनी पद्धति से सीखेंगे। आधुनिक युग के संसाधनों से नहीं समुदाय के संसाधनों का उपयोग कर के सीखेंगे न तो इसमें...
View Article“बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा में लड़कियों का लड़कों से बेहतर प्रदर्शन सुखद...
आमिर खान की एक फिल्म आई थी दंगल जिसका फेमस डायलॉग था ‘मारी छोरियां छोरों से कम है के'। इसे आज के सन्दर्भ में देखा जाए, तो लड़कियां पूरी तरह से चरितार्थ कर रही हैं। आज लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़...
View Article“मेरी शिक्षा के कारण ही मैं खुद को बाल विवाह से बचा पाई”
पहले हमारे देश में जब लड़कियों की शादी होती थी, तो उनकी उम्र बारह से तेरह साल के आसपास होती थी। इसके कारण उनमें शिक्षा और जागरूकता का अभाव था। लेकिन समय के साथ-साथ लोगों में सामान्य शिक्षा के कारण...
View Article“मैं नहीं पढ़ पाई लेकिन किशोरियों के शिक्षा के लिए गॉंव में स्कूल खुलवाना...
मेरा नाम किरण सहरिया है । मेरी उम्र 15 वर्ष है। मैं ग्राम गन्नाखेड़ी की रहने वाली हूं। मेरे माता–पिता दोनों ही अशिक्षित हैं और मजदूरी करते हैं। इसके अलावा थोड़ी-बहुत जमीन है । उसमें हम खेती भी करते...
View Article6 Ways We Can Transform Our Schools To Centres Of Excellence
Authored by AIF Fellow Sidharth Hendre In my previous blog, I wrote about my experience of selection, orientation, and arriving at the host organization, in which I elaborated on my experience of...
View Article5 Changes The Curriculum Framework Of NEP 2020 Has Brought In Education
The new curriculum framework of NEP 2020 has brought several positive changes to the Indian education system. Some of these changes include: Emphasis on Early Childhood Education: The new curriculum...
View Article“इतना बहुत है कि तू ने 12वीं तक की पढ़ाई की जिससे हिसाब-किताब तो कर सकती है”
अलवर स्थित गंडवा गाँव से यह इस शृंखला की हमारी दूसरी कहानी है। मनीषा एक 21 वर्षीय खुशमिजाज स्वभाव की लड़की है जो अलवर जिले में स्थित गंडवा गाँव में रहती है। मनीषा के बहुत सारे सपने हैं। उसका कहना है...
View Article“मुझे लगता है दिव्यांगता को लेकर लोग आज भी जागरूक नहीं हुए हैं”
हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो किसी न किसी प्रकार से दिव्यांग हैं। केंद्र की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार देश की कुल 121.08 करोड़ की आबादी में 2.68 करोड़ दिव्यांगों की...
View ArticleWhy Some Girls In India Can’t Own A Phone (And What Can Be Done About It)
We are not merely using the internet, we are living in it. With recent developments in the field of artificial intelligence, metaverse and virtual reality, the next few decades will lead us into the...
View Articleबच्चों की किताबें के लिए दिए 15 हजार, किताबों के बढ़ते दाम से परेशान अभिभावक
अलीगढ़ में नए सत्र के आरंभ होते ही कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक सभी प्राइवेट स्कूल खुल चुके हैं। नए सत्र के शुरू होने के साथ-साथ कॉपी-किताब की दुकानों पर बच्चों का, बच्चों के अभिभावकों का जमावड़ा लगा...
View Article‘मैं खेल सिखाने वाली प्रोफेसर बनने की राह तराश रही हूँ’
(संपादक की तरफ से: ये कहानी स्पर्श चौधरी द्वारा लिखी गई है ,जैसे उन्हें कमला ने बताई ) मैं कमला हूँ। मैं एक आदिवासी परिवार से आती हूँ। इटारसी के पास स्थित धँसाई नाम के गाँव में अपनी चार बहनों, दो...
View Article‘नृत्य के प्रति समर्पण की कहानी है मेरी’
(संपादक की तरफ से: ये कहानी स्पर्श चौधरी द्वारा लिखी गई है ,जैसे उन्हें अपर्णा ने बताई ) मेरा नाम अपर्णा सराठे है। मैं बाबई,माखननगर (नर्मदापुरम ) के एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूँ।...
View Article’11th Mein Rape Ho Jaata Hai’: What Saya’s Father Told Her About Education
Trigger warning: Mentions of sexual violence In India, the transition from middle school to high school is a crucial turning point in every student's life. For a lot of us, it is about choosing...
View Article“काश, हमें भी स्कूल में सब्ज़ी तुड़वाने के बजाय शिक्षकों ने सही से पढ़ाया होता”
शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जिससे आज के युग का हर व्यक्ति होकर गुजरा है। जब भी बोर्ड का रिजल्ट, फिर वो 10वीं हो या 12वीं हो, सबकी निगाहें मेरिट लिस्ट पर अटक जाती है कि कौन लिस्ट में आया, कितने प्रतिशत...
View Article“पंचों पर मुकदमे की धमकी से लेकर परिवार से लड़ाई तक, मैंने पढ़ाई के लिए सब कुछ...
राधा राजसमन्द जिले के एक छोटे से गाँव में रहने वाली लड़की हैं, जिसकी शादी लगभग 10 वर्ष की उम्र में ही पास ही के एक गाँव में तय कर दी गई थी। जाहिर है कि तब राधा को शादी का मतलब भी नहीं पता था। राधा पढ़ाई...
View Article“हमें नहीं पता कि स्कूल कैसा दिखता है क्योंकि पंद्रह साल की उम्र से काम कर...
कृषि हमारे देश का एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। भारत के पारंपरिक व्यवसायों में इसका उल्लेख किया गया है। इसीलिए कृतज्ञता के भाव में हम किसानों को अन्नदाता कहते हैं। लेकिन जिस चीज की अनदेखी की जाती है वह है...
View Article“मैं पिछले 7 सालों से यहां कार्यरत हूं और तब से स्कूल में सिर्फ दो ही टीचर्स...
स्कूल एक ऐसी जगह है, जहां पर बच्चों का सामाजिक विकास तेजी से होता है. हमउम्र बच्चों के साथ वे घुलमिलकर चीजों को बेहतर तरीके से समझते हैं. स्कूल में बच्चों के सीखने की क्षमता तेज गति से बढ़ जाती है. वह...
View Articleबाल विवाह से टूटे सपनों को दोबारा जोड़ने के प्रयास में लगी है आकांक्षा
राजस्थान के बीकानेर जिले के दुरस्थ क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली आकांक्षा (बदला हुआ नाम) की शादी बालिका शिविर में दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी होने के बाद 16 वर्ष की उम्र में अपनी बड़ी बहन की शादी...
View Articleसालों तक झेला बाल विवाह का दंश, 18 वर्ष बाद मां-बाप ने सुधारी अपनी गलती
बीकानेर जिले के एक रियासतकालीन गांव में चार बहनों सहित 12 सदस्यों का परिवार पत्थर खादान में मजदूरी कर अपना गुजर बसर चला रहा था। अति गरिबी व जागरूकता के अभाव में एक बालिग बेटी के साथ-साथ तीन छोटी...
View Article