

आओ हम मिल कर चले समुदाय की खुशियों की पढ़शाला में
शिक्षा के रीति, नीति, पद्धति को छोड़कर
हम अपनी पद्धति से सीखेंगे।
आधुनिक युग के संसाधनों से नहीं
समुदाय के संसाधनों का उपयोग कर के सीखेंगे
न तो इसमें कक्षा का स्तर होगा, न ही आयु की सीमा होगी
होगी तो केवल मटरगश्ती, खेल-कूद कर के सीखेंगे
विचारों की पूर्ण स्वतंत्रता होगी
समय सीमा के बंधन को तोड़कर हम
अपने-अपने तर्क लगाएंगे
उलझते हुए प्रश्नों को मिला कर हम सब सुझाएंगे
आओ हम मिलकर चले समुदाय की खुशियों की पढ़शाला में!